विश्वास करके तो देख ,मैँ तो हूँ तेरे अंग संग हरदम,
ध्यान धर के तो देख ,छोड़ नफ़रत को सब से प्यार कर के तो देख ,
चाहता है जो तुन खुद के लिए ,दूसरों के लिए वही मुझ से मांग कर तो देख ,
देख फिर तूँ, अपनी खुशी का पैमाना माप कर तो देख ,
किसी का दुःख हम बाँट तो नहीं सकते .पर दूसरो के ग़म का एहसास करके तो देख ,
एक बार मेरी बात मान के तो देख, जिंदगी जीने का नजरिया थोड़ा बदल कर तो देख ,
किसी एकांत में मिल कभी मुझ से ,इस दौड़ भाग भरी लाइफ को छोड़ कर तो देख ,
मैं हूँ पास तेरे ,मेरा विशबास कर के तो देख ,मैं तो चाहता हूँ, तुम्हें गले से लगाना ,
पर तूँ मेरी तरफ सिर्फ एक कदम बढ़ा कर तो देख ,
मैं पाया जाता हूँ, हर एक मानब में, जरा अपना ईमान जगा कर तो देख,
मैं तो हूँ कुदरत जल थल,हर जगह पाया जाता हूँ,
किसी कलाकार की कला मैं हूँ, एहसास करके तो देख,,,,,
तेरी सोच से बहुत परे हूं, तेरी अक्ल से बहुत बड़ा हूँ,
तेरी आग़ोश में ,नां समाजाऊँ. तो कहना.
तू पहले मुझ से प्रीत लगाके तो देख,
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