मनुष्य जीवन के में कई बार Quotes एक अहम् भूमिका निभाते हैं| यहाँ ढेर सारे Best Devotional Quotes आपके लिए हाज़िर हैं | बहुत बार तो ऐसा होता है कि उद्धरण (Quote) को पढ़ने की बाद किसी किसी के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आ जाता है| इस जीवन में भक्ति (Devotion) भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है|भक्ति भी उस मनुष्य के जीवन का अभिन्न अंग होती है जो इश्वर में आस्था रखता है|
आज के समय में बहुत सारे भक्ति करते हैं | हर किसी का भक्ति में अलग motive होता है| कुछ लोग इश्वर की चाह में भक्ति करते हैं, कुछ लालच, कुछ डर, कुछ जाने में, कुछ अनजाने में, तो कुछ रूहानियत में भक्ति करते हैं| लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि
भक्ति लोकी अजे ना समझे रब नू पाणा भक्ति ऐ
इस भक्ति रस में उमड़ कर आने वाली भावनाओं को Best Devotional Quotes का नाम दिया गया है| आइये यहाँ पर हम कुछ ऐसे ही हृदय परिवर्तक Quotes पढ़ते हैं| हो सकता है इनमें से कोई एक Quote ही हमारे हृदय को परिवर्तित कर दे|
कोई और मुझे देखे या ना देखे,
मैं ख़ुद तो गवाह हूं मेरे हर कर्म का
मन की सोच सुन्दर हो तो जग सारा सुन्दर लगता है
माना के दुनिया से छुपा भी लिया अपने गुनाहों को,
मगर भगवान से कैसे छुपाओगे
मेरे दिल को भुगतनी पड़ती है उन गुनाहों सज़ा,
जो अक्सर मेरी आंखें किया करती हैं
जो करता नहीं है इज्जत इंसानियत की,
वो खुदा की बंदगी क्या करेगा
जीवन में हर चीज अगर किस्मत से होती तो,
श्री कृष्ण श्रीमद भगवत गीता का पाठ अर्जुन को नहीं सिखाते
ये जो दूसरों के रास्ते बंद करते रहते हो,
ये तो बताओ अगर भगवान ने तुम्हारे लिए अपने रास्ते बंद कर दिए तो क्या होगा
मुझे तो बस यही बात समझ आई है
ना उठने के लिए सीमित ऊंचाई है और ना ही गिरने के लिए सीमित गहराई है
अपनी अपनी नजर का फर्क है साहब,
कोई सिर्फ किसी के अवगुणों को देखता है तो कोई गुणों को
मैं किसी और के अवगुणों को गिनाने वाला कौन होता हूं?
जब मेरे अपने गुनाहों का कोई हिसाब नहीं
कैसे चलाता है खुदा तू दुनिया को हैरान हूं सोचकर,
मुझसे तो मेरा मन नहीं संभालता
मेरे गुनाहों को जानते हुए भी मुझे गले से लगा लिया,
अब कहो मेरा मुर्शद इंसान है या खुदा
मैं किसी की बुराई नहीं कर सकता साहब,
मेरे मुर्शद ने मुझे यह काम सिखाया ही नहीं है
वो हंस कर लगा रहा है मेरे जैसे गुनहगारों को भी गले,
सच सच बताओ कहीं वो खुदा तो नहीं है?
धर्म का मर्म और कर्म का पाठ सिखाता है,
हां यही वो दर है जहां इंसान खुदा से मिल पाता है
लोगों को जंग से फुर्सत मिले तो बंदगी की बात हो,
यहां तो हर कोई busy है एक दूसरे को मिटाने में
खुदा की बंदगी तो बाद में कर लूंगा ऐ दोस्त,
पहले मुझे मुर्शद का तो हो जाने दो
खुदा की बंदगी तो बाद की बात है पहले इंसानियत का पाठ तो सीख लूं
किसी ने कहा खुदा मस्जिद में है तो किसी ने कहा भगवान मंदिर में मिलेगा,
पूछा जो मुर्शद से तो उसने कहा भगवान को जान तो सही फिर हर जगह मिलेगा
यह क्या किसी का बुरा करेगा जनाब,
यह खुदा है इंसान नहीं
कद्र किया करो खुदा के बंदों की
इनकी बंदगी भी खुदा की बंदगी से कम नहीं
अच्छा या बुरा तो मुझे लगता है वरना
ईश्वर तो सब ठीक ही करता है
सुख और दुःख दोनों में स्थिर मनोस्थिति
आपको महानता की तरफ ले जाती है
ज़िंदगी के हर पहलू का अपना महत्व है
अगर दुःख है तभी सुख की कोई परिभाषा है
दुःख में दुखी और सुख में खुश होने की प्रवृती
इंसान को कभी स्थिरता प्रदान नहीं कर सकती
किसी के सुख में साथ ना रह पाओ तो भी कोई बात नहीं
किन्तु मुसीबत के समय में अवश्य साथ रहो क्यूंकि
यही बो गुण है जो इंसान की इंसानियत दिखाता है
दूसरों को दुःख देकर अपने लिए सुख की कामना करना मूर्खता है
मेरे खयालात निखर से गए हैं जबसे तेरे दर पर आया हूँ
खुद की सीने में ठंडक चाहिए तो
किसी के ज़ख्मों पर परहम तो लगा की देख