रिक्रूट की भी क्या लाइफ है ,
पता नहीं कब सुबह कब शाम हुई ,
हर रोज का काम बही ,
उस्ताद हमें अनुशासन हमें सिखाते हैं ,
पर हम बार बार गलती करते जाते है ,
सर्वाइव करना हर हाल में सिखाते है ,
हम कर गलती सज़ा हम खाते है बार बार सर टिकाते है ,
तब लगा शायद .तभी तो बो हमारे बाल बो कटवाते है ,
सब एक जैसे नजर आते है कसम से खुद को आईने मै नहीं पहचान पाते हैं ,
जैसे पता चला कल 16 km रेस होगी .
कुछ का पेट दर्द .तो कुछ को बुखार होगा ,
सब को है पता डॉक्टर भी त्यार होगा ,
नित नया बहाना बनाते हैं पर हर बार पकडे जाते है ,,
रोज जूता ड्रेस चमकाते हैं पर शाम तक धुल में लिपटे नजर आते है ,
ये हमारा रोज का बर्क है ,हम हैं देश के जबान ना कोई क्लर्क है ,
देश को हम पर हम को तिरंगे पर मान है .देश के लिये तो हमारी जान कुर्बान है ,
एक एक दिन किसी तरहा बिताते है ,9 महीने रगडा खाते है ,
तब एक नौजबान बन पाते है , फिर जाकर फौजी हम कहलाते हैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
रिक्रूट की भी क्या लाइफ है ,ना वच्चे हैं पास ना वाइफ है ,
Jai Hind
Very nice