शादी-Marriage
है यह (शादी-Marriage) एक प्यारा सा बंधन इस दुनिया का
जिसमें लेते है पर्ण संग जिंदगी जीने का
होता तो बहुत मुश्किल है जिंदगी का पड़ाव
पर करते है इरादा दोनों तो जिंदगी है आबाद
करना पड़ता है हमेशा लड़की को ही एडजस्ट
शादी के बाद बदल जाती है परिवार की लिस्ट
सीखती है ससुराल वाले ढंग में वो ढलना
अब तो है संग पिया के ही इसको चलना
कभी रुकना तो कभी झुकना पर पार करना जीवन का हर पड़ाव है
प्यार भरा सफ़र है अगर जीवन में तो तो हर हाल में ठहराव है
जिसमें गिला भी है और है शिकवा भी बरकरार
चलती है इनकी प्यारी और मीठी सी तकरार
ऐसा नही है कि यह बंधन होता है हर किसी की पसंद का
पर यह है कि हर जोड़ा रब्ब बनता है अपने ही ढंग का
इनका रिश्ता बना है एक दुसरे के संग
हो जैसे भी हालात पर कभी ना होते दंग
करते हैं फैसला एक दुसरे की सहमती से
रखते है सबका ख्याल और खुशियाँ हैं सभी से
हो कितना भी दर्द इन दोनों की बीती जिंदगी में
पर सब भूल जाते हैं एक दूसरेकी बंदगी में
वक्त के साथ साथ हो जाता है प्यार और गहरा
एक दुसरे की फ़िक्र के साथ हर रोज़ होता है सवेरा
बीत जाता है सारा जीवन इनका बेशुमार महोब्बत में
वक्त गुज़र जाता है पर इनका प्यार पड़ता नहीं बेमुरौवत में
चाह के भी फूलों से उसकी खुशबू अलग नहीं होती है जैसे
जान बसती है इन दोनों की एक दूसरे में वैसे
यह भी पढ़ें :-