मुस्कुराहट (Muskurahat) से किया करो सबका अभिनन्दन
हो जाता है शीतल मन सबका ज्यूँ लगा हो लेप चन्दन
होती है यह एक कला सबके पास हर समय हर पल
पर ना जाने क्यों मुस्कराते देख नहीं पाते हम चल
एक मुस्कुरा दे तो सामने वाला पता नहीं क्या है समझता
ऐसा लगे उसको जैसा पागलों से है इसका कोई गहरा वास्ता
अगर कोई गम या दुःख और होती है उसको परेशानी
तो हम मन में ही मुस्करा के करते है सबसे बड़ी नादानी
उसको हौसला देना और सुलझा दे उसकी हर दुःख की वजह
फिर वो भी ऐसे ही ख़ुशी से बाते मुस्कुराते हर जगह जगह
हर किसी की मुसीबत में साथ देना और मुस्कुराहट लाना
है यह सबसे बड़ा कर्म इस दुनियाँ में वन्दे क्या तूने यह जाना?
हस ले गा ले मुस्कुरा ले जिंदगी के दिन है बस चार
फिर तुझे आखिर समय में ले जायेंगे वन्दे उठा कर चार
यह है एक कड़वा सच जो तुझे नहीं है बिलकुल भी याद
आएगा समझ तुझे आखिरी वक़्त पे तब ना होगा तू आज़ाद
बाँट ले जो मुस्कुराहट सबसे जिसमें है तेरा बड़ा किरदार
जो चाह कर भी ना ले सकता है तू किसी से उधार
मन से मुस्कुरा सकता है तू हर किसी को देख कर
ना जाने कितने चेहरों पर मुस्कुराहट ला दे तू चाह कर
आखिर में लिख पाऊं भाव मेरा इस मुस्कुराहट की शान में
कोई कोई समझ पाता है कि आनंद तो है केवल मुस्कान में
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