रिश्ता हमारा,सारे रिश्तों में न्यारा,
जो है हमें जान से प्यारा,
ये रिश्ता अनमोल है,
इसका ना कोई मोल है ,
अटुट है,हसीं मज़ाक़ का ,
प्यार तकरार का ,
रूठना रूठना है और फिर मान जाना ,
यह सब है ,प्यार जताने का बहाना,
रिश्ता हमारा……………………………………………………………………
ये रिश्ता ऊपर बाले ने है बनाया .
हम ने तो है इसे प्यार से निभाना ,
हम एक दूसरे के बिना अधूरे है ,
साथ मिल कर करने हमें अपने सपने पूरे हैं,
फुलनों में खुशबू सा, पतंग डोर जैसा ,
रूठना और मनाना है, ,मुश्किल एक दूसरे के बिना रह पाना है,
पूरे परिबार का आधार है, विशबास ओर एतबार है,
कभी कभी तक़रार है,पर बहुत जायद प्यार है,
रिश्ता हमारा…………………………………………………..
पहली नजऱ में जब उसको देखा,दिल को बो भा गई ,
आँखों के रास्ते दिल में उतर कर,रग रग में समा गई ,
दिल में जगी ,नई उमंगे चेहरें पर रौनक आ गई ,
तेरा यू न शर्माना ,मुझे देख यों घबराना ,शर्मा कर आंखों को झुकना,
हाथ मसलते , मसलते उस अंगूठी को घुमाना ,
तेरी ये अदा यों भा गयीं, जीने की नई राह दिखा गयी ,
रिश्ता ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पहली बार मिलना तुमसे,एक अजीब सा एहसास था,
तुम्हारी झुकी नजऱ में प्यार ओर विश्वास था,
इस रिश्ते का विश्वास आधार है,
हमारा टॉम ओर जैरी जैसा प्यार है,
रिश्ता ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कभी रूठते हो तो कभी मनाते हो ,
जब होते हो तुम हमसे दूर ,
तो कसम से बहुत याद आते हो ,
रिश्ता हमारा सारे रिश्तों से प्यारा,
यह भी पढ़ें :-