रुलाया गया हूँ मैं

कभी रुलाया तो कभी जलाया गया हूँ मैं
तुझ से मिलने से पहले न जाने कितनी बार ठुकराया गया हूँ मैं

 

समझा खिलौना तो किसी ने मूरत बना डाला
कहीं हुआ बदसूरत तो कहीं खूबसूरत बना डाला
यूँही फूल की भांति सबके पैरों में तोड़ कर विछाया गया हूँ मैं
तुझ से मिलने से पहले न जाने कितनी बार ठुकराया गया हूँ मैं

 

दूसरों को देता था रौशनी बन के दीपक इस गम-ए-ज़िन्दगी में
करता था भरोसा प्यार करने पर खुदा की बन्दगी में
यूँ ही दीपक की भान्ति घने अंधेरों में पूरी रात जलाया गया हूँ मैं
तुझ से मिलने से पहले न जाने कितनी बार ठुकराया गया हूँ मैं

 

किसी ने समझा साथी पल दो पल का निकाला मतलब और साथ छोड़ दिया
किसी ने बनाया हमें पुल अपनी मंजिल का और पार जाकर तोड़ दिया
इसी तरह बनाकर आंसू ख़ुशी का हर बार आँखों से गिराया गया हूँ मैं
तुझ से मिलने से पहले न जाने कितनी बार ठुकराया गया हूँ मैं

 

हर किसी ने देखा खाली ज़ेब को प्यार भरा दिल कोई देख पाया ही नहीं
दौलत में डूबी मतलब की इस दुनिया ने मोल प्यार का कुछ पाया ही नहीं
अनमोल खजाना था पास मेरे फिर भी नफरत से भुलाया गया हूँ मैं
तुझ से मिलने से पहले न जाने कितनी बार ठुकराया गया हूँ मैं

 

अब तो आदत सी हो गई है जख्म सहने की
नफरत भरे दिलों को अपना कहने की
लेके प्यार दी है नफरत सबने यूँ ही हर बार मिटाया गया हूँ मैं
तुझ से मिलने से पहले न जाने कितनी बार ठुकराया गया हूँ मैं

 

फिर आप आए जिन्दगी में बन के फरमान खुदा का

थे आप इसी जहाँ के पर अंदाज़ आपका सब से जुदा था
मायूस था जाने कबसे पड़ा अब तेरे पास आकार मुस्कुराया हूँ मैं
तुझ से मिलने से पहले न जाने कितनी बार ठुकराया गया हूँ मैं

यह भी पढ़ें :-

  1. सो सा गया हूँ मैं 
  2. इंसान की फ़ितरत
  3. रिक्रूट की लाईफ
  4. तेरी याद 

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R.K.Jaswal

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