Sapna-सपना

काश  मेरी लाइफ में कोई अपना होता
देखा था जो पूरा वो सपना(sapna)होता

 

कोई समझ पाता हमारे  जज्बातों को
हमारे मन की सारी बातों को

हमें बोलने की जरूरत नहीं होती
नज़रों की भाषा में हर बात पूरी होती

 

जितनी करते हैं परवाह हम उनकी
ज्यादा ना सही मगर थोड़ी तोह उन्हें भी होती

 

आप से दूर हैं हम यह हमारी मजबूरी है
आप से दूरी दिल में सबसे करीब बस जिस्मों की दूरी है

 

हमारा आपसे ना कुछ कह पाना
छुप छुप कर अकेले में आंसू बहाना

 

मन की बात मन में ही छुपाना
अपना दुःख किसी को ना बताना

 

उदास रह कर भी मुस्कुराना

 

तुमने कभी   समझा तो होता
काश कोई लाइफ में अपना होता

 

जो देखा था सपना बो अपना होता
दिल से केवल उसका ही नाम जपना होता

 

सपना जाना खुशियाँ बांटी हमने
यादों के सहारे रातें काटीं हमने

 

तन्हाईओं  का बो आलम था और मैं नहीं था मुझमें
सब चाहतें  रह गयीं अधूरी और मेरा मन था तुझमें

 

हमारा क्या कसूर है इसमें अगर जताना नहीं आता
हमें अपना गम किसी को बताना  नहीं  आता

 

हम खुश हैं   गम  दिखाना नहीं आता
हमें किसी का दिल दुखाना नहीं आता

 

काश कोई लाइफ में अपना होता
बस एक ही सही  sapna तो पूरा तो होता

 

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