इस दुनिया में कुछ भी सही नहीं है तेरे सिवा
कोई और कहाँ चाहेगा इतना तुमको एक मेरे सिवा
किसी को भी राज बताने से डर लगता है क्योंकि,
लोगों ने सीखा ही नहीं दर्द के उपहास के सिवा l
अगर एक इंसान को शेर कहो तो गर्व करता है,
उसी को जानवर कहे तो उसने सीखा ही नहीं गुस्से के सिवा l
एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के हालात समझने चाहिए,
पर उसने सीखा ही नहीं गलत समझने की सिवा l
तमन्ना किसी ना किसी की पूरी होनी चाहिए,
भले ही तुम्हारी हो जाए मेरे सिवा l
जब आँखे गीली थीं तो हर चीज धुंधली थी क्योंकि,
सच की तस्वीर धुंधली थी झूठ के सिवा l
मुझे अपनी तरह टूटे हुए लोग ही पसंद है,
क्योंकि हममें पकड़ ज्यादा है अकड़ के सिवा l
तुम्हें ही मांगा है और तुम्हें ही पाया है,
क्योंकि मैंने कुछ सीखा ही नहीं तेरे प्यार के सिवा l
आज भी तुम्हारा प्यार सलामत है,
क्योंकि इस दिल में प्यार कैद है मेरी सांसो के सिवा l