हमें भी प्यार हुआ था ,
आँखों ही आँखों मैं इजहार हुआ था
कोईथी जो दिल को इतना लुभा गयी ,
इक नशे की तरहा सर पर छा आ गयी ,
मेरी सुध बुध भुला गयी ,
इस दिल का एसा हाल हुआ था ,
शब्द नहीं उससे बात करने को ,
पर बोलने को बहुत कुश था ,
आँखों ही आँखों में ये कारोबार हुआ था ,
मन वेचैन रहता था उसकी एक झलक पाने को
उससे बात करने का बहाना रहता था ,
पर बात क्या करें यह समझ ना आता था ,
हाँ हमें भी प्यार हुआ था ,
उसकी हर बात हमें उसकी अचछी लगती थी ,
हमें पता था वो बनाती थी बहाने ,पर पता नहीं क्यू सच्ची लगती थी ,
उस के सुख दुःख का एहसास हम करते थे
इतना हम उस पर मरते थे ,
बिल फोन का बढ़ने लगा था ,
अब तो घर बाले भी कुछ कुछ समझने लगे थे ,
माँ को था शक ,पर बाप को पूरा विश्वास था ,
हो ना हो बिल बढ़ने के पीछे लड़की का हाथ था ,
हमारे प्यार का यूं कुछ फसाना बना ,
बो तो ना मिल पाई हामे ,पर उदास रहने का बहाना मिला ,
जान से जायदा चाहा था उसे ,बार बार रब से माँगा था उसे ,
अब भी यादों मैं सभाल कर रखा है ,
जो अब भी बहुत याद आती है ,
दिल की तडफ नम आँखों से नमीं बन कभी कभी निकल आती है ,
कितना हम उनको चाहते थे तब हम उसको समझा ना पाए ,
और हाल ये है अब हमारा अब तक उसको भुला ना पाये ,
प्यार एक एहसास है ,विश्वास है ,ये एक ऐसा रिश्ता है ,
जिसका नाम नहीं फिर भी सब रिश्तों मैं खास है ,
बो ना मिल पाई हमें तो क्या हुआ ,
हमारा प्यार तो है साचा इतना तो हमें विश्वास है ,
हाँ कुछ भी हो पर वो मेरे लिए ख़ास है
I think most of lovers have this problem.
Thanks for great poetry.
Good lover
Nice
Good feelings
Subarrr se uparrrr 👍🏻