मोहब्बत की डगर में यादों का सिल्सिलाएक आम बात है । यह काफी मनमोहक और सुखदायी भी होता है । लेकिन tab यही सबसे अधिक खतरनाक होता है जब मोहब्बत में जुदाई का आलम आ जता है । ऐसे ही टूटे हुए दिलों की जुदाई में आहें भरती हुई शायरी से आपको रू ब रू करवाते हैं:-
दर्द तो है आँखों में बस आंसुओं की कमी है
तू है आसमान में उड़ता बादल और मेरा दिल प्यासी ज़मीं है
चलो माना के हमने सब कुछ हासिल कर लिया इस जहान में
पर एक तू ही नहीं है और बस तेरी ही कमी है
तुम नहीं तुम्हारी याद बाकी है,
कुछ कट चुकी कुछ उम्र बाकी है ,
तुम्हे चाहते चाहते इस अनजान राह पर कितना आगे निकल गए हम ,
क्या पता ये मंजिल ये राह अभी कितनी बाकी है ,
हम आपको तब तक चाहते रहेंगे जब तक इस सीने में ये साँस बाकी है ,
अपनी याद से कह दो वक़्त वे वक़्त आया ना करे
आए तो फिर आकर इतना सताया ना करे
किसी दिन हम यूँ ही इस जहाँ से रुखसत हो जाएँगे
इस कदर नमक मेरे ज़ख्मों पर लगाया ना करे
तेरी यादों के ये जो सिलसिले हैं
ना चाहते हुए भे हमको इस कदर मिले हैं
अब तो खुश रहो तुम अपनी दुनिया में मेरे हमदम
ये सब मेरे हैं जो भी शिकवे गिले हैं
ना शिकवा है ना शिकायत है
जो भी मिला खुदा की इनायत है
मोहब्बत में मिली तेरी यादों की सौगात
बस यही नुक्सान है और यही किफ़ायत है
वो सपनों का सौदागर था
और मैं मोहब्बत में शौदाई था
अब यादों के सिवा कुछ और नहीं अपनी कहानी
इस कहानी का तो मसला ही जुदाई था
ख़ुदा की खुदाई से डर लगता था
हमें तो उनकी जुदाई से डर लगता था
वो तो मासूम बनकर दे गए यादों का खजाना
हम तो वो हैं जिन्हें तन्हाई से डर लगता था
मेरे सीने में चुभते हैं ये जो यादों के जो नासूर हैं
हम तड़प रहे हैं जुदाई में और वो मोहब्बत में मगरूर हैं
कभी समझना हो मुझे तो मेरा नाम ले लेना किसी के सामने
इस शहर तो मेरी मोहब्बत के किस्से ही इतने मशहूर हैं
nice